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जीएसटी काउंसिल द्वारा जीएसटी स्लैब घटाने की तैयारी

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चालू वित्त वर्ष के दौरान जीएसटी व्यवस्था में व्यापक बदलाव दिख सकता है। इसके तहत जीएसटी की दरों को मौजूदा चार स्लैब से घटाकर तीन स्लैब वाले ढांचे में बदला जा सकता है। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जीएसटी काउंसिल के तहत केंद्र एवं राज्यों के अधिकारियों वाली फिटमेंट कमेटी ने जीएसटी रेट्स को तर्कसंगत बनाने की प्रक्रिया पर नए सिरे काम शुरू कर दिया है। इसमें कुछ दरों और विशेष तौर पर 12% की रेट को हटाने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। मौजूदा दर ढांचे में 5%, 12%, 18% की स्टैंडर्ड दरें और 28% की अधिकतम दर शामिल है। इसके अलावा इसमें कुछ वस्तुओं एवं सेवाओं के लिए शून्य और विशेष दरें भी हैं।अधिकारी ने बताया, ‘फिटमेंट कमेटी टैक्स की दरों और उसमें संभावित सुधार के लिए इनपुट तैयार कर रही है। इसे जीएसटी दरों में बदलाव का सुझाव देने के लिए जीएसटी काउंसिल द्वारा बनाए गए मंत्री-समूह के सामने रखा जाएगा।’ दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए राज्यों के मंत्रियों के सात सदस्यीय समूह का नेतृत्व यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना कर रहे हैं। रेवेन्यू डिपार्टमेंट को उम्मीद जताई है कि जीएसटी की संशोधित दरें चालू वित्त वर्ष में ही लागू हो जाएंगी। जुलाई में बजट के बाद जीएसटी काउंसिल की बैठक होने की उम्मीद है।

12% जीएसटी के दायरे में ये वस्तुएंः मक्खन, घी, कम्प्यूटर, प्रोसेस्ड फूड्स, बादाम, मोबाइल, फलों का रस, सब्जियों, मेवों, फलों या अन्य भागों से बनी वस्तुएं, पैक किया हुआ नारियल पानी, छाता

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